नलका

     










                                   नलका


नदियों के पास धरतीवासियो  की प्यास बुझाने के लिए खूब  पानी  है,
परन्तु नदियों के पास मनुष्यों का स्वार्थ बुझाने के लिए  पानी कम हो गया है ,
नदियाँ थक गयी है कचरा कचरा लेते , ये बात सबको क्यों लगती मानहानि है ,
आने वाली पुश्तो के लिए ही सही कुछ तो बचाओ , गंगा नहीं तो यमुना नहीं तो सरस्वती ,जलाशयों, कुंडों और तलाबों के साथ अब बोरवेल भी असक्षम हो गया है ,



नलका एक दिन चुप हो जाएगा हमेशा के लिए 
फिर कोई प्लम्बर भी  उसे ठीक नहीं कर पायेगा


गले की ठंडक से अधिक कई और मेहेत्व्पूर्ण  कार्य में जल , जल रहा है ,
पिने का पानी ख़तम  होने की कगार पर है पर  हल कहा है 
कही समुन्दर  पे तो नज़र नहीं , कहा हल कहा है 
जागरूक है सभी ,  जल को बचाने के लिए कार्यरत कहा है ,
हर रोज बिछी हुई इंसानी लाशें लेकर घुमती रहती है नहरे .
इतने अभियान चलाते हो , ये सभी कार्यगत कहा है 


नलका एक दिन चुप हो जाएगा हमेशा के लिए 
फिर कोई प्लम्बर भी  उसे ठीक नहीं कर पायेगा


                          - गौतम पात्र

f - 3: 17 am












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